Monday, January 4, 2016


इग्‍नू ने इग्‍नू में ओडीएल में उत्‍कृष्‍ट कार्य व्‍यवहार पर एक दिन की संगोष्‍ठी आयोजित की।

04 जनवरी, 2016
दिल्‍ली

इग्‍नू के अंतरविश्‍वविद्यालय संघ (आई.यू.सी.) ने 04 जनवरी, 2016 को इग्‍नू में उत्‍कृष्‍ट कार्य व्‍यवहार पर सभागार में एक दिन की संगोष्‍ठी आयोजित की। कार्यशाला का उदघाटन इग्‍नू के कुलपति प्रो. नागेश्‍वर राव ने किया। कार्यशाला के मुख्‍य अतिथि महर्षि दयानन्‍द सरस्‍वती विश्‍वविद्यालय, अजमेर, राजस्‍थान के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी थे।



आईयूसी की निदेशक, प्रो. गायत्री कंसल और इग्‍नू के प्रोफेसर एस.सी. गर्ग भी उदघाटन सत्र में उपस्‍थित थे। स्‍वागत भाषण देते हुए प्रो. कंसल ने इग्‍नू की ओडीएल प्रणाली में उत्‍कृष्‍ट कार्य व्‍यवहार की आवश्‍यकता पर अपने विचार प्रकट किए।

महर्षि दयानन्‍द सरस्‍वती विश्‍वविद्यालय, अजमेर के कुलपति प्रो.कैलाश सोडानी ने दूर शिक्षा के महत्‍व पर चर्चा की। उन्‍होंने यह भी कहा कि ओडीएल के माध्‍यम से किसी प्रकार की शिक्षा प्रदान की जा सकती है।



उदघाटन सत्र में संबोधित करते हुए इग्‍नू के कुलपति प्रो. नागेश्‍वर राव ने इस संगोष्‍ठी के आयोजन पर आईयूसी को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि ‘‘इग्‍नू’’ एक ब्रांड है। उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि इग्‍नू के बेहतर मानक को बनाए रखने के लिए यह आवश्‍यक है कि आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल करते हुए पिछले समय में अपनाए गए बेहतर कार्य व्‍यवहारों में और सुधार किया जाए।



प्रो. एस.सी.गर्ग ने कहा कि ओडीएल एक बेहतर विचार है, लेकिन इसके परिणामों पर भी विचार किया जाना चाहिए। संगोष्‍ठी के समन्‍वयक आशीष अवधिया ने धन्‍यवाद ज्ञापन दिया।

इस संगोष्‍ठी का उददेश्‍य इग्‍नू के विद्यापीठों/प्रभागों/संस्‍थानों/केंद्रों/प्रकोष्‍ठों/एककों को ओडीएल में वर्तमान उत्‍कृष्‍ट कार्य व्‍यवहारों को आपस में साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना था। इस संगोष्‍ठी ने कई उत्‍कृष्‍ट कार्य व्‍यवहारों को अपनाने और उसे अपनी आदत में शामिल करने में सहायता प्रदान की।

इस संगोष्‍ठी में कई सत्र थे, जैसे विद्यार्थी सहायता सेवा, पाठ्यचर्या डिजाइन और विकास, प्रसार और समावेशन तथा अन्‍य क्षेत्र। 

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